🍁 *حدیث:-* وَعَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ قَالَ: سَأَلَ رَجُلٌ رَسُولَ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ فَقَالَ يَا رَسُولَ اللَّهِ إِنَّا نَرْكَبُ الْبَحْرَ وَنَحْمِلُ مَعَنَا الْقَلِيلَ مِنَ الْمَاءِ فَإِنْ تَوَضَّأْنَا بِهِ عَطِشْنَا أفنتوضأ من مَاء الْبَحْرِ فَقَالَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ: «هُوَ الطَّهُورُ مَاؤُهُ الْحِلُّ مَيْتَتُهُ» . رَوَاهُ مَالك وَالتِّرْمِذِيّ وَالنَّسَائِيّ وَابْن مَاجَه والدارمي
🍁 *तर्जुमा :-* अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु बयान करते हैं, किसी आदमी ने अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से पूछा, हम समुंदरी सफ़र करते हैं और थोड़ा पानी अपने साथ ले जाते हैं, अगर हम इससे वुज़ू करते हैं तो फिर प्यासे रह जाते हैं, तो क्या हम समुन्दर के पानी से वुज़ू कर लिया करें? अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: “उसका पानी पाक है और उसका मुरदार हलाल है”।
📚 *[इसकी सनद सहीह है, मोअत्ता इमाम मालिक (40), तिरमिज़ी (69), नसाई (59), इब्ने माजा (386), दारमी (735), अबू दावूद (83), मिशकातुल मसाबीह (479)]*
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