🍁 *حدیث:-* عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ رَضِيَ اللَّهُ عَنْهُ قَالَ: قَالَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ: «لَا يَبُولَنَّ أَحَدُكُمْ فِي الْمَاءِ الدَّائِمِ الَّذِي لَا يجْرِي ثمَّ يغْتَسل فِيهِ»
وَفِى رِوَايَةٍ لِمُسْلِمٍ قَالَ: «لَا يَغْتَسِلُ أَحَدُكُمْ فِي الْمَاءِ الدَّائِمِ وَهُوَ جُنُبٌ» . قَالُوا: كَيْفَ يَفْعَلُ يَا أَبَا هُرَيْرَةَ؟ قَالَ: يَتَنَاوَلُهُ تَنَاوُلًا
🍁 *तर्जुमा :-* अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु बयान करते हैं, अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: “तुममें से कोई शख़्स खड़े पानी में जोकि बहता ना हो, पेशाब ना करे, फिर वो उसमें ग़ुस्ल करे”। और मुस्लिम की रिवायत में है: “तुममें से कोई शख़्स खड़े पानी में जनाबत का ग़ुस्ल ना करे”। लोगो ने पूछा: अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु वो कैसे करे? फ़रमाया: वो वहाँ से पानी लें और (दूसरी जगह पर ग़ुस्ल करें)।
📚 *[मुत्तफ़िक़ अलैह, बुख़ारी (239), मुस्लिम (657,658), मिशकातुल मसाबीह (474)]*
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