🍂🍃ﺑِﺴْـــــــــــــﻢِﷲِالرَّحْمٰنِﺍلرَّﺣِﻴﻢ🍂🍃
🍁 *حدیث:-* وَعَن سلمَان قَالَ قَالَ لَهُ بعض الْمُشْركين وَهُوَ يستهزئ بِهِ إِنِّي لأرى صَاحبكُم يعلمكم كل شَيْء حَتَّى الخراءة قَالَ أَجَلْ أَمَرَنَا أَنْ لَا نَسْتَقْبِلَ الْقِبْلَةَ وَلَا نَسْتَنْجِيَ بِأَيْمَانِنَا وَلَا نَكْتَفِيَ بِدُونِ ثَلَاثَةِ أَحْجَارٍ لَيْسَ فِيهَا رَجِيعٌ وَلَا عَظْمٌ. رَوَاهُ مُسْلِمٌ وَأحمد وَاللَّفْظ لَهُ
🍁 *तर्जुमा :-* सलमान रज़ियल्लाहू अन्हु बयान करते हैं, किसी मुशरिक ने मज़ाक़ में कहा: मेरा ख़याल है की तुम्हारा साथी (रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) तुम्हें पेशाब व पाख़ाने के आदाब भी सिखाता है? मैंने कहा: हाँ, बिल्कुल ठीक है। आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हमें हुक्म दिया है कि हम पेशाब व पाख़ाने के वक़्त क़िब्ले की तरफ़ मुंह न करे और ना दाए हाथ से इस्तिंजा करे और हम (इस्तिंजा के लिए) तीन ढ़ेलों से कम इस्तेमाल ना करें और उनमें गोबर और हड्डी ना हो”। इसे मुस्लिम और अहमद ने रिवायत किया है, ज़िक्र कियह हुए अल्फाज़ अहमद के हैं।
📚 *[मुस्लिम (606), मिशकातुल मसाबीह (370)]*
इसी तरह के और मैसेज पढ़ने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें और औरों को भी शेयर करें
https://authenticmessages.blogspot.com/2021/01/rasoolullah-sallaahu-alaihi-wasallam-ne.html
No comments:
Post a Comment