🍁 *حدیث:-* وَعَنْ عَائِشَةَ قَالَتْ: كَانَ النَّبِيُّ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ إِذَا خَرَجَ مِنَ الْخَلَاءِ قَالَ *«غفرانك»* . رَوَاهُ التِّرْمِذِيّ وَابْن مَاجَه والدارمي
🍁 *तर्जुमा :-* आयशा रज़ियल्लाहू अन्हा बयान करती हैं, जब नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम बैतुल ख़ला से बाहर तशरीफ़ लाते, तो यह दुआ: ((غفرانک)) “मैं तेरी मग़फ़िरत चाहता हूँ” पढ़ा करते थे।
📚 *[इसकी सनद सहीह है, तिरमिज़ी (7), इब्ने माजा (300), दारमी (686), अबू दावूद (30), मिशकातुल मसाबीह (359)]*
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