🍂🍃ﺑِﺴْـــــــــــــﻢِﷲِالرَّحْمٰنِﺍلرَّﺣِﻴﻢ🍂🍃
🍁 *حدیث:-* عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ رَضِيَ اللَّهُ عَنْهُ قَالَ: قَالَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ: «لَوْلَا أَنْ أَشُقَّ عَلَى أُمَّتِي لَأَمَرْتُهُمْ بِتَأْخِيرِ الْعشَاء وبالسواك عِنْد كل صَلَاة»
🍁 *तर्जुमा :-* अबू हुरैरा रज़ियल्लाहू अन्हु बयान करते हैं, रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: “अगर मुझे अपनी उम्मत पर मशक़्क़त का डर ना होता तो मैं उन्हें इशा की नमाज़ देर से पढ़ने और हर नमाज़ के साथ मिस्वाक करने का हुक्म देता।
📚 *[मुत्तफ़िक़ अलैह, बुख़ारी (887), मुस्लिम (589), मिशकातुल मसाबीह (376)]*
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