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Monday, September 9, 2024

Tafseer Dawat ul Quran (Hindi Translation) Part 8

 أَعـــــــــــــــــــــــوذ بالله من الشيطان الرجيم●


🍂🍃ﺑِﺴْـــــــــــــﻢِﷲِالرَّحْمٰنِﺍلرَّﺣِﻴﻢ🍂🍃


📒 तफ़सीर दावतुल क़ुरआन 📒


✒️ लेख़क: अबू नोमान सैफ़ुल्लाह ख़ालिद 


🖋️ तर्जुमा: मोहम्मद शिराज़ (कैफ़ी)


🌺🍀🍁 सूरह फ़ातिहा 🌺🍀🍁


➡️ भाग 8

बच्चों के लिए अल्लाह की पनाह चाहना, जैसा कि सय्यदना अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ियल्लाहू अन्हुमा बयान करते हैं कि आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हसन व हुसैन रज़ियल्लाहू अन्हुमा के लिए इन शब्दों के ज़रिये पनाह तलब किया करते थे: {{أَعُوذُ بِكَلِمَاتِ اللَّهِ التَّامَّةِ مِنْ كُلِّ شَيْطَانٍ وَهَامَّةٍ وَمِنْ كُلِّ عَيْنٍ لَامَّةٍ}}“मैं अल्लाह के तमाम कलिमात एक साथ (तुम दोनों के लिए) हर शैतान से और उस मख़लूक़  से जो बुराइ का इरादा करे और हर नज़र लगाने वाली आँख से पनाह मांगता हूँ”। [बुख़ारी: 3371]

बीमारी के वक़्त अल्लाह की पनाह माँगना, जैसा कि सय्यदना उस्मान बिन अबुल आस रज़ियल्लाहू अन्हु कहते हैं कि मैंने रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से एक बीमारी की शिकायत की जो इस्लाम क़ुबूल करने के बाद मैंने पहली बार महसूस की थी। आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: “अपने हाथ को अपने जिस्म पर तकलीफ़ वाली जगह रख कर तीन बार ‘बिस्मिल्लाह’ कहो और सात बार ये दुआ पढ़ो: {{}} ‘मैं अल्लाह तआला की और उसकी क़ुदरत की पनाह पकड़ता हूँ उस चीज़ के शर से जो मैं पाता हूँ और जिससे डरता हूँ’”। [मुस्लिम: 5737]

बुरा ख़्वाब देखने पर अल्लाह की पनाह तलब करना, जैसा कि सय्यदना अबू क़तादा रज़ियल्लाहू अन्हु बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: “अच्छा ख़्वाब अल्लाह तआला की तरफ़ से होता है और बुरा ख़्वाब शैतान की तरफ़ से होता है, तो अगर तुममें से कोई शख़्स बुरा ख़्वाब देख कर उससे डर जाए तो वो अपनी बाईं तरफ़ थुतकारे और अल्लाह तआला से उसके शर से पनाह मांगे तो वो उसे नुक़सान न पहुँचायेग”। [बुख़ारी: 3292]

सुबह व शाम और बिस्तर पर लेटते वक़्त अल्लाह की पनाह में आना जैसा कि सय्यदना अबू हुरैरा रज़ियल्लाहू अन्हु बयान करते हैं कि सय्यदना अबू बक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहू अन्हु ने कहा कि ऐ अल्लाह के रसूल! मुझे ऐसी दुआ सिखा दीजिये जो मैं सुबह व शाम पढ़ा करूँ। आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: “ये पढ़ा करो:

}}اللَّهُمَّ عَالِمَ الْغَيْبِ وَالشَّهَادَةِ فَاطِرَ السَّمَوَاتِ وَالْأَرْضِ رَبَّ كُلِّ شَيْءٍ وَمَلِيكَهُ أَشْهَدُ أَنْ لَا إِلَهَ إِلَّا أَنْتَ، أَعُوذُ بِكَ مِنْ شَرِّ نَفْسِي وَمِنْ شَرِّ الشَّيْطَانِ وَشِرْكِهِ{{

‘ऐ अल्लाह! ज़ाहिर व छुपे हुए को जानने वाले! आसमान व ज़मीन के पैदा करने वाले! हर चीज़ को पालने वाले और उसके मालिक! मैं गवाही देता हूँ कि तेरे सिवा कोई माबूद नहीं, मैं अपने नफ़्स के शर से और मरदूद शैतान के शर और शिर्क से तेरी पनाह चाहता हूँ’” फिर आपने फ़रमाया: “इस दुआ को सुबह व शाम और रात को बिस्तर पर जाते वक़्त पढ़ा करो”। [तिरमिज़ी: 3392]

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Friday, September 6, 2024

Tafseer Dawat ul Quran (Hindi Translation) Part 7

 أَعـــــــــــــــــــــــوذ بالله من الشيطان الرجيم●


🍂🍃ﺑِﺴْـــــــــــــﻢِﷲِالرَّحْمٰنِﺍلرَّﺣِﻴﻢ🍂🍃


📒 तफ़सीर दावतुल क़ुरआन 📒


✒️ लेख़क: अबू नोमान सैफ़ुल्लाह ख़ालिद 


🖋️ तर्जुमा: मोहम्मद शिराज़ (कैफ़ी)


🌺🍀🍁 सूरह फ़ातिहा 🌺🍀🍁


➡️ भाग 7

किसी वादी या मंज़िल पर पड़ाव के वक़्त अल्लाह की पनाह में आना, जैसा कि ख़ला बिन्ते हुकैम रज़ियल्लाहू अन्हा से रिवायत है कि मैंने नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को फ़रमाते हुए सुना: “जो शख़्स किसी जगह पड़ाव करे और ये दुआ पढ़े: {{ أَعُوذُ بِكَلِمَاتِ اللَّهِ التَّامَّاتِ مِنْ شَرِّ مَا خَلَقَ}} “अल्लाह के तमाम कलिमात के साथ, उन सब चीज़ों के शर से पनाह मांगता हूँ जिनको उसने पैदा किया” तो उसे कोई चीज़ नुक़सान नहीं पहुँचा सकती, यहाँ तक कि वो वहाँ से निकल जाए”। [मुस्लिम: 6878]

मस्जिद में दाख़िल होते वक़्त अल्लाह की पनाह में आना, जैसा सय्यदना अब्दुल्लाह बिन अम्र बिन आस रज़ियल्लाहू अन्हुमा नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से बयान करते हैं कि जब आप मस्जिद में दाख़िल होते तो ये फ़रमाते थे:

{{ أَعُوذُ بِاللَّهِ الْعَظِيمِ وَبِوَجْهِهِ الْكَرِيمِ وَسُلْطَانِهِ الْقَدِيمِ مِنَ الشَّيْطَانِ الرَّجِيمِ}} “मैं अज़मत वाले अल्लाह और उसके करीम चेहरे की और उसकी क़दीम सल्तनत की पनाह चाहता हूँ, मरदूद शैतान से” और आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम फ़रमाते थे: “जो ऐसा कहे तो शैतान कहता है कि तू मुझसे आज पूरा दिन महफूज़ रहेगा”। [अबू दावूद: 466]

मस्जिद से निकलते वक़्त अल्लाह की पनाह तलब करना, जैसा कि सय्यदना अबू हुरैरा रज़ियल्लाहू अन्हु बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: “तुममें से जब कोई शख़्स मस्जिद में दाख़िल हो तो नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर सलाम पढ़े और ये दुआ पढ़े: {{اللَّهُمَّ افْتَحْ لِي أَبْوَابَ رَحْمَتِكَ}} “ऐ अल्लाह! मेरे लिए अपनी रहमत के दरवाज़े खोल दे”। और जब मस्जिद से निकले तो नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर सलाम पढ़े और ये कहे:

{{ اللَّهُمَّ اعْصِمْنِي مِنَ الشَّيْطَانِ الرَّجِيمِ}} “ऐ अल्लाह! मुझे शैतान मरदूद के शर से महफूज़ रख”। [इब्ने माजा: 773]

नमाज़ में शैतानी वस्वसों से अल्लाह की पनाह चाहना, जैसा कि सय्यदना उस्मान बिन अबुल आस रज़ियल्लाहू अन्हु बयान करते हैं कि मैंने रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से कहा, ऐ अल्लाह के रसूल! मेरे और मेरी नमाज़ और क़िरआत के बीच शैतान आ जाता है, वो मुझ पर क़िरआत को गड़मड़ करता है, तो आपने फ़रमाया: “ये शैतान है, जिसे ख़िन्ज़ब कहा जाता है, जब तुम इसके आने को महसूस करो तो इस (के शर) से अल्लाह तआला की पनाह तलब करो (यानीاَعُوْذُ بِاللّٰهِ مِنَ الشَّيْطٰنِ الرَّجِيْمِ   पढ़ो) और तीन बार अपनी बाईं तरफ़ थुतकारो”। उस्मान रज़ियल्लाहू अन्हु कहते हैं कि मैंने ऐसा ही किया तो अल्लाह ने इस शैतान को मुझसे दूर कर दिया। [मुस्लिम: 5738, मुसनद अहमद: 17918]

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Monday, September 2, 2024

Tafseer Dawat ul Quran (Hindi Translation) Part 6

 أَعـــــــــــــــــــــــوذ بالله من الشيطان الرجيم●


🍂🍃ﺑِﺴْـــــــــــــﻢِﷲِالرَّحْمٰنِﺍلرَّﺣِﻴﻢ🍂🍃


📒 तफ़सीर दावतुल क़ुरआन 📒


✒️ लेख़क: अबू नोमान सैफ़ुल्लाह ख़ालिद 


🖋️ तर्जुमा: मोहम्मद शिराज़ (कैफ़ी)


🌺🍀🍁 सूरह फ़ातिहा 🌺🍀🍁


➡️ भाग 6

ग़ुस्से के वक़्त अल्लाह की पनाह तलब करना, जैसा कि सय्यदना सुलयमान बिन सुरद रज़ियल्लाहू अन्हु बयान करते हैं कि हम नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पास बैठे हुए थे कि दो आदमियों ने आपस में एक दुसरे को बुरा भला कहना शुरू कर दिया, ऐसा करते हुए उनमें से एक तो इस क़द्र ग़ुस्से में था कि ग़ुस्से की वजह से उसका चेहरा लाल हो गया तो नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: “बेशक मैं एक ऐसा कलिमा जानता हूँ कि अगर ये उसे पढ़ ले तो इसका ग़ुस्सा ख़त्म हो जाए और वो कलिमा ये है: {أَعُوذُ بِاللَّهِ مِنَ الشَّيْطَانِ الرَّجِيمِ} सहाबा किराम रज़ियाल्लाहू अन्हुम ने उस शख़्स से कहा, क्या तुमने रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का फ़रमान नहीं सुना? उसने जवाब दिया कि मैं पागल नहीं हूँ”। [बुख़ारी: 6115, मुस्लिम: 6646]

बैतूल ख़ला में दाख़िल होते वक़्त अल्लाह की पनाह तलब करना, जैसा कि सय्यदना अनस बिन मालिक रज़ियल्लाहू अन्हु बयान करते हैं कि जब नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम बैतूल ख़ला में दाख़िल होते तो फ़रमाते:

{{اللَّهُمَّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ مِنَ الْخُبُثِ وَالْخَبَائِثِ}} “ऐ अल्लाह! मैं नापाक जिन्नों और नापाक जिन्नियों से तेरी पनाह चाहता हूँ”। [बुख़ारी: 142, मुस्लिम: 831]

सय्यदना ज़ैद बिन अरक़म रज़ियल्लाहू अन्हु से रिवायत है, कहते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: “ये बैतुल ख़ला (जिन्नों और शैतानों के) हाज़िर होने की जगह है, लिहाज़ा जब तुममें से कोई बैतुल ख़ला में दाख़िल हो तो कहे: {{ أَعُوذُ بِكَ مِنَ الْخُبُثِ وَالْخَبَائِثِ}} “मैं अल्लाह की पनाह चाहता हूँ नापाक जिन्नों और नापाक जिन्नियों के शर से”। [अबू दावूद: 6]

बीवी से हमबिस्तरी के वक़्त शैतान के शर से अल्लाह की पनाह चाहना, जैसा कि सय्यदना अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ियल्लाहू अन्हुमा बयान करते हैं कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: “अगर तुममें से कोई शख़्स अपनी बीवी से जमाआ के वक़्त ये दुआ पढ़ ले:

{{بِاسْمِ اللَّهِ اللَّهُمَّ جَنِّبْنِي الشَّيْطَانَ وَجَنِّبْ الشَّيْطَانَ مَا رَزَقْتَنَا}} “अल्लाह के नाम के साथ, ऐ अल्लाह! हमें शैतान के शर से महफूज़ रख और हमें तू जो औलाद अता फ़रमाए उसे भी शैतान से बचाना” तो अगर इस मिलाप से बच्चा पैदा होगा तो शैतान उसे कभी नुक़सान न पहुँचा सकेगा”। [बुख़ारी: 5165, मुस्लिम: 3533]

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Tafseer Dawat ul Quran (Hindi Translation) Part 8

 أَعـــــــــــــــــــــــوذ بالله من الشيطان الرجيم● 🍂🍃ﺑِﺴْـــــــــــــﻢِﷲِالرَّحْمٰنِﺍلرَّﺣِﻴﻢ🍂🍃 📒 तफ़सीर दावतुल क़ुरआन 📒 ✒️ लेख़क: अ...