🍁 *حدیث:-* وَعَنْ أَنَسٍ قَالَ: كَانَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ يَتَوَضَّأُ لِكُلِّ صَلَاةٍ وَكَانَ أَحَدُنَا يَكْفِيهِ الْوُضُوءُ مَا لَمْ يُحْدِثْ. رَوَاهُ الدِّرَامِي
🍁 *तर्जुमा :-* अनस रज़ियल्लाहू अन्हु बयान करते हैं, रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हर नमाज़ के लिए वुज़ू किया करते थे, जबकि हमारे किसी के लिए (पहला) वुज़ू काफ़ी रहता है जब तक उसका वुज़ू ना टूटे।
📚 *[दारमी (726), बुखारी (214), मिशकातुल मसाबीह (425)]*
इसी तरह के और मैसेज पढ़ने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें और औरों को भी शेयर करें
No comments:
Post a Comment