🍁 *حدیث:-* عَنْ عَائِشَةَ قَالَتْ: قَالَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ: «السِّوَاكُ مَطْهَرَةٌ لِلْفَمِ مَرْضَاةٌ لِلرَّبِّ» . رَوَاهُ الشَّافِعِيُّ وَأَحْمَدُ وَالدَّارِمِيُّ وَالنَّسَائِيُّ وَرَوَاهُ البُخَارِيّ فِي صَحِيحه بِلَا إِسْنَاد
🍁 *तर्जुमा :-* आयशा रज़ियल्लाहू अन्हा बयान करती हैं, रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: “मिस्वाक मुंह को साफ़ करने वाली और रब की रज़ामंदी का ज़रिया है”। शाफ़ई, अहमद, दारमी, नसाई और इमाम बुख़ारी ने इसे अपने सहीह में मुअल्लक बयान किया है।
📚 *[सहीह, अश-शाफ़ई फ़िल उम (1/23), मुसनद अहमद (24707), दारमी (690), नसाई (5), बुख़ारी (1934 हदीस से पहले मुअल्लकन), मिशकातुल मसाबीह (381)]*
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