🍁 *حدیث:-* وَعَنْ عَائِشَةَ رَضِيَ اللَّهُ عَنْهَا قَالَتْ: قَالَ رَسُولِ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ: عَشْرَ مِنَ الْفِطْرَةِ: قَصُّ الشَّارِبِ وَإِعْفَاءُ اللِّحْيَةِ وَالسِّوَاكُ وَاسْتِنْشَاقُ الْمَاءِ وَقَصُّ الْأَظْفَارِ وَغَسْلُ الْبَرَاجِمِ وَنَتْفُ الْإِبِطِ وَحَلْقُ الْعَانَةِ وَانْتِقَاصُ الْمَاءِ)
يَعْنِي الِاسْتِنْجَاءَ - قَالَ الرَّاوِي: ونسيت الْعَاشِرَة إِلَّا أَن تكون الْمَضْمَضَة. رَوَاهُ مُسلم
🍁 *तर्जुमा :-* आयशा रज़ियल्लाहू अन्हा बयान करती हैं, रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: “दस ख़ूबियाँ फ़ितरत से हैं: मूंछें कतरना, दाढ़ी बढ़ाना, मिस्वाक करना, नाक में पानी झाड़ना, नाख़ून कतरना, उंगलियों के जोड़ धोना, बगलों के बाल उखेड़ना, नाफ़ की नीचे के बाल मूंडना और इस्तिंजा करना, रावी बयान करते हैं, दसवी ख़ूबी मैं भूल गया हूँ, मुमकिन है कि कुल्ली करना हो।
📚 *[मुस्लिम (604), मिशकातुल मसाबीह (379)]*
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