🍂🍃ﺑِﺴْـــــــــــــﻢِﷲِالرَّحْمٰنِﺍلرَّﺣِﻴﻢ🍂🍃
🍁 *حدیث:-* وَعَنْ أَبِي قَتَادَةَ قَالَ: قَالَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسلم: «إِذا شرب أحدكُم فَلَا ينتنفس فِي الْإِنَاءِ وَإِذَا أَتَى الْخَلَاءَ فَلَا يَمَسَّ ذَكَرَهُ بِيَمِينِهِ وَلَا يَتَمَسَّحْ بِيَمِينِهِ»
🍁 *तर्जुमा :-* अबू क़तादा रज़ियल्लाहू अन्हु बयान करते हैं, रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: “जब तुममें से कोई शख़स कोई चीज़ पीयह तो वो बर्तन में सांस न ले और जब बैतुल ख़ला में जाए तो अपने दाए हाथ से अपनी शर्मगाह को न छुए और न दाए हाथ से इस्तिंजा करे।
📚 *[मुत्तफ़िक़ अलैह, बुख़ारी (153), मुस्लिम (613), मिशकातुल मसाबीह (340)]*
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