🍂🍃ﺑِﺴْـــــــــــــﻢِﷲِالرَّحْمٰنِﺍلرَّﺣِﻴﻢ🍂🍃
🍁 *حدیث:-* عَنْ ثَوْبَانَ قَالَ: قَالَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ: «اسْتَقِيمُوا وَلَنْ تُحْصُوا وَاعْلَمُوا أَنَّ خَيْرَ أَعْمَالِكُمُ الصَّلَاةُ وَلَا يُحَافِظُ عَلَى الْوُضُوءِ إِلَّا مُؤْمِنٌ» . رَوَاهُ مَالِكٌ وَأَحْمَدُ وَابْنُ مَاجَهْ وَالدَّارِمِيُّ
🍁*तर्जुमा :-* सौबान रज़ियल्लाहू अन्हु बयान करते हैं, रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: “दुरुस्त रहो और तुम इसकी ताक़त नहीं रखते और जान लो कि नमाज़ तुम्हारा बेहतरीन अमल है और वुज़ू की हिफाज़त सिर्फ़ मोमिन शख़्स ही कर सकता है”।
📚 *[हसन, मोअत्ता मालिक (65), मुसनद अहमद (22778), इब्ने माजा (277), दारमी (661), मुस्तदरक हाकिम (449), मिशकातुल मसाबीह (292)]*
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