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Monday, December 28, 2020

Wuzu Ke Naqis Hone Ka Asar Namaz Par Padta Hai ( वुज़ू के नाक़िस होने का असर नमाज़ पर पड़ता है)

🍂🍃ﺑِﺴْـــــــــــــﻢِﷲِالرَّحْمٰنِﺍلرَّﺣِﻴﻢ🍂🍃
🍁 *حدیث:-* وَعَن شبيب بن أبي روح عَنْ رَجُلٍ مِنْ أَصْحَابِ رَسُولِ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ: أَنَّ رَسُولَ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ صَلَّى صَلَاةَ الصُّبْحِ فَقَرَأَ الرُّومَ فَالْتَبَسَ عَلَيْهِ فَلَمَّا صَلَّى قَالَ: «مَا بَالُ أَقْوَامٍ يُصَلُّونَ مَعَنَا لَا يُحْسِنُونَ الطَّهُورَ فَإِنَّمَا يلبس علينا الْقُرْآن أُولَئِكَ» . رَوَاهُ النَّسَائِيّ

🍁 *तर्जुमा :-* शबीब बिन अबी रौह रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के किसी सहाबी से रिवायत करते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़ज्र की नमाज़ अदा की तो सूरह अर-रूम की तिलावत फ़रमाई, आप भूल गए, जब आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम नमाज़ पढ़ो चुके, तो फ़रमाया: “लोगो को क्या हो गया है कि वो हमारे साथ नमाज़ पढ़ते हैं लेकिन वो अच्छी तरह वुज़ू नहीं करते, यही लोग तो हमें क़ुरआन भुला देते हैं। 

📚 *[इसकी सनद सहीह है, नसाई (948), मुसनद अहमद (15968), मिशकातुल मसाबीह (295)]*

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