🍂🍃ﺑِﺴْـــــــــــــﻢِﷲِالرَّحْمٰنِﺍلرَّﺣِﻴﻢ🍂🍃
🍁 *حدیث:-* وَعَن جَابر بن سَمُرَة أَنَّ رَجُلًا سَأَلَ رَسُولَ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ أَنَتَوَضَّأُ مِنْ لُحُومِ الْغَنَمِ؟ قَالَ: «إِنْ شِئْتَ فَتَوَضَّأْ وَإِنْ شِئْتَ فَلَا تَتَوَضَّأْ» . قَالَ أَنَتَوَضَّأُ مِنْ لُحُومِ الْإِبِلِ؟ قَالَ: «نَعَمْ فَتَوَضَّأْ مِنْ لُحُومِ الْإِبِلِ» قَالَ: أُصَلِّي فِي مَرَابِضِ الْغَنَمِ قَالَ: «نَعَمْ» قَالَ: أُصَلِّي فِي مبارك الْإِبِل؟ قَالَ: «لَا» . رَوَاهُ مُسلم
🍁 *तर्जुमा :-* जाबिर बिन समरा रज़ियल्लाहू अन्हु से रिवायत है कि किसी शख़्स ने रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से मसअला पुछा: क्या हम बकरी का गोश्त खा कर वुज़ू करे? आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: “अगर तुम चाहो वुज़ू करो और अगर चाहो तो ना करो”। उसने फिर पुछा: क्या हम ऊँट का गोश्त खाकर वुज़ू करें? आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: हाँ, ऊँट का गोश्त खा कर वुज़ू करो”। उस शख़्स ने पूछा: क्या बकरियों के बाड़े में नमाज़ पढ़ लूँ? आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: “हाँ”। उसने पूछा: ऊँटों के बाड़े में नमाज़ पढूँ? आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: “नहीं”।
📚 *[मुस्लिम (805), मिशकातुल मसाबीह (305)]*
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