🍂🍃ﺑِﺴْـــــــــــــﻢِﷲِالرَّحْمٰنِﺍلرَّﺣِﻴﻢ🍂🍃
🍁 *حدیث:-* وَعَنْ عَبْدِ اللَّهِ بْنِ عَمْرٍو قَالَ: قَالَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ «الْمُسْلِمُ مَنْ سَلِمَ الْمُسْلِمُونَ مِنْ لِسَانِهِ وَيَدِهِ وَالْمُهَاجِرُ مَنْ هَجَرَ مَا نَهَى اللَّهُ عَنْهُ» هَذَا لَفْظُ الْبُخَارِيِّ وَلِمُسْلِمٍ قَالَ: إِنَّ رَجُلًا سَأَلَ النَّبِيَّ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ: أَيُّ الْمُسْلِمِينَ خَيْرٌ؟ قَالَ: مَنْ سَلِمَ الْمُسْلِمُونَ من لِسَانه وَيَده
🍁 *तर्जुमा :-* अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ियल्लाहू अन्हु बयान करते हैं, रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: “ मुसलमान वो है जिसकी ज़बान और हाथ से मुसलमान महफूज़ रहे और मुहाजिर वो है जो अल्लाह की मना की हुई चीज़ों को छोड़ दे”। ये सहीह बुख़ारी की रिवायत के अल्फाज़ है, जबकि सहीह मुस्लिम की रिवायत के अल्फाज़ हैं: फ़रमाया कि किसी आदमी ने नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से पूछा कौन सा मुसलमान बेहतर है? आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: “जिसकी ज़बान और हाथ से मुसलमान महफूज़ हो”।
📚 *[मुत्तफ़िक़ अलैह, बुख़ारी (10), मुस्लिम (161), मिशकातुल मसाबीह (6)]*
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