🔥 *क़यामत की कुछ निशानियाँ*🔥
1⃣9⃣ *उन्नीसवां भाग*
उम्मुल मोमिनीन आयशा रज़ियल्लाहू अन्हा बयान करती हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम एक रोज़ मेरे पास तशरीफ़ लाये तो आप यह फरमा रहे थे: "ए आयशा ! मेरे दुनया से जाने के बाद उम्मत में सब से पहले मुझे तुम्हारी कौम (अरब) मिलेगी." हज़रत आयशा रज़ियाल्लाहू अन्हा कहती हैं: जब आप बैठ गए तो मैंने कहा: में आप पर कुर्बान! जब आप अन्दर दाख़िल हुए तो आप एक ऐसी बात फरमा रहे थे जिस ने मुझे खौफज़दा कर दिया, आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: "में क्या कह रहा था?" मैंने अर्ज़ की: आप फरमा रहे थे: "तुम्हारी कौम के लोग मेरे बाद जल्द ही मुझ से आ मिलेंगे" आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: "हाँ यह बात ठीक हैl" मैंने कहा: यह कैसे होगा? आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: "मौत उन्हें अपने लिए मरगूब और मीठी चीज़ समझेगी और उम्मत के लोग उनसे हसद करेंगे l वह बगैर परो वाली टिड्डी की तरह होंगे, ताक़तवर कमज़ोर को खा जायेगा यहाँ तक कि उन पर क़यामत क़ायम हो जाएगी l"
📚 *(मुसनद अहमद : 24519, सनद सही)*
हज़रत अबू उमामा बाहिली रज़ियल्लाहू अन्हु बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: "इस्लाम कि कड़ियाँ एक एक कर के टूटती चली जायेंगी, जब भी कोई कड़ी टूटेगी तो लोग दूसरी से चिमट जायेंगे सब से पहले जो कड़ी टूटेगी वो यह होगी कि हुक्मे इलाही को तोड़ा जाएगा और सब से आख़िर में नमाज़ को भी छोड़ दिया जायेगा l"
📚 *(मुसनद अहमद : 22160, सनद सही)*
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