🔥 *क़यामत की कुछ निशानियाँ*🔥
1⃣8⃣ *अठ्ठारवा भाग*
जाबिर बिन अब्दुल्लाह रज़ियल्लाहू अन्हुमा कहते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हमारे पास तशरीफ़ लाये और हम लोग क़ुरान पढ़ रहे थे और हम में बदवी (देहाती) भी थे और अजमी (गैर अरब) भी, आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: "पढ़ो सब ठीक है, जल्द ही कुछ ऐसे लोग आयेंगे जो इसे (यानी क़ुरान के अलफ़ाज़ व कलिमात को) इस तरह दुरुस्त करेंगे जैसे तीर दुरुस्त किया जाता है (यानी तजवीद व किरात में ज़्यादती करेंगे) और इसे ठहर ठहर कर पढ़ने के बजाये जल्दी जल्दी पढ़ेंगे l"
📚 *(सुनन अबू दावूद : 830, सनद सही)*
नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: "तुम में सब से बेहतर मेरा ज़माना है, फ़िर इन लोगों का ज़माना जो इसके बाद होंगे l" इमरान ने बयान किया कि मुझे नहीं मालूम नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद को दो मर्तबा दोहराया या तीन मर्तबा, फ़िर इसके बाद वो लोग होंगे कि वो गवाही देंगे और उनसे गवाही मांगी नहीं जाएगी, वो ख़यानत करेंगे और उन पर से भरोसा जाता रहेगा, वो नज़र मानेंगे लेकिन पूरी नहीं करेंगे और उन में मोटापा फैल जायेगा l
📚 *(सही बुख़ारी : 6428)*
➡ *जारी है.....................*
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